nobel peace prize 2020 इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (2020 Nobel Peace Prize to the World Food Programme )(WFP) को दिया गया है।
नोबेल शांति पुरस्कार, जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई थीं, उसका ऐलान कर दिया गया है। इस साल यह सम्मान दुनिया में भूख के खिलाफ जंग लड़ने वाली संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) को दिया गया। शांति पुरस्कार की दौड़ में ग्रेटा थनबर्ग समेत 300 से भी ज्यादा नाम शामिल थे, लेकिन समिति ने दुनिया में भुखमरी मिटाने की मुहिम में जुटी WFP को इस सम्मान से नवाजा।
नोबेल पुरस्कार समिति ने अवॉर्ड का ऐलान करते हुए कहा कि वर्ल्ड फूड प्रोग्राम जिस तरह से भूख के खिलाफ एक बड़ी जंग लड़ रहा है, उससे वह इसका हकदार है। समिति ने संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में शांति और युद्ध के हथियार के रूप में भूख के उपयोग को रोकने के लिए किए गए प्रयासों पर WFP की सराहना की।
बता दें कि विश्व खाद्य कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संगठन है जो भूख के खिलाफ जंग लड़ता है और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देता है। 2019 में WFP ने 88 देशों में करीब 100 मिलियन लोगों को सहायता प्रदान की।
World Food Programme क्या है
विश्व खाद्य कार्यक्रम भुखमरी मिटाने और खाद्य सुरक्षा पर केन्द्रित संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है। विश्व भर में आपातस्थितियों में इसका काम यह देखना है कि जरूरतमंदों तक खाद्य सामग्री पहुंचे। विशेषकर गृह युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं में। भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम अब सीधे खाद्य सहायता प्रदान करने के बजाय भारत सरकार को तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण सेवाएं प्रदान करता है। विश्व खाद्य कार्यक्रम अब इस बात पर ध्यान दे रहा है कि देश के भोजन आधारित सामाजिक सुरक्षा कवच को इतना सक्षम कर दिया जाए कि वह लक्षित जनसंख्या तक भोजन को अधिक कुशलता और असरदार ढंग से पहुंचा सके
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